महाबोधि महाविहार पर अबौद्धों के हस्तक्षेप के खिलाफ सौंपा ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी

बोधगया के मामले में अबौद्धों का हस्तक्षेप देखा जा रहा है, जो न केवल बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक मान्यताओं के विपरीत है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ अन्याय भी है।
बरवाला, 7 मार्च 2025 – बरवाला और उकलाना के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भिखु भंते कांशी रत्न जी की अध्यक्षता में आज बरवाला एसडीएम कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन माननीय राष्ट्रपति भारत सरकार, नई दिल्ली के नाम दिया गया, जिसमें महाबोधि महाविहार, बोधगया (बिहार) को अबौद्धों के हस्तक्षेप से मुक्त कराने की मांग की गई।
प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि अगर बौद्ध अनुयायियों की ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत उन्हें नहीं सौंपी गई, तो जल्द ही देशभर में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसी सप्ताह बौद्ध धम्म अनुयायी बिहार के बोधगया में इस मुद्दे को लेकर आंदोलन में शामिल होंगे।
बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल
प्रेस बयान में भिखु भंते कांशी रत्न जी ने कहा कि भारत का संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता देता है। इसी आधार पर हर धर्म के अनुयायी अपने धर्मस्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
लेकिन बौद्ध धर्म के लिए विश्व प्रसिद्ध महाबोधि महाविहार, बोधगया के मामले में अबौद्धों का हस्तक्षेप देखा जा रहा है, जो न केवल बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक मान्यताओं के विपरीत है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ अन्याय भी है।
क्यों उठ रही है यह मांग?
- बौद्ध अनुयायियों की महान विरासत महाबोधि महाविहार को अबौद्धों के नियंत्रण से मुक्त किया जाए।
- भारत ही नहीं, पूरे विश्व में यह स्थल बुद्ध ज्ञान स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
- दुनिया भर के लोग इस स्थान को बौद्ध धम्म के पवित्र स्थल के रूप में मानते हैं।
- हर धर्म में धार्मिक स्थलों का प्रबंधन उसी धर्म के अनुयायियों के पास होता है, लेकिन महाबोधि महाविहार के मामले में ऐसा नहीं हो रहा।
बौद्ध समुदाय ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति
आज के कार्यक्रम में तरंग बुद्ध विहार, उकलाना, सत्यशोधक सत्संग मिशन, बरवाला, सद्भावना मंच बरवाला, दलित अधिकार मंच बरवाला सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक में मुख्य रूप से शामिल थे:
डॉ. राजेश महेंदिया, राम अवतार भारतीय, राज रत्न बौद्ध सारी पुतभंते ज्ञानेंद्र, डॉ. पवन सिंह मोर्य, राजबीर बौद्ध, सरदानंद राजली, रोहतास राजली, सुनील बधावड़, कुलदीप सरोहा बधावड़, अंग्रेज बूरा
आगे की रणनीति
- आगामी दिनों में आंदोलन की योजना तैयार की जा रही है
- बौद्ध अनुयायियों का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही बोधगया में प्रदर्शन करेगा।
- अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर उग्र रूप ले सकता है।