HAU वाइस चांसलर पर फर्जी अवार्ड का आरोप, अर्जुन चौटाला ने सरकार से की बर्खास्तगी की मांग

चंडीगढ़, 10 मार्च 2025 – हरियाणा विधानसभा में आज इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अर्जुन चौटाला ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में हुए अवार्ड घोटाले को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि एचएयू के वाइस चांसलर ने महज ₹5000 में खरीदे गए “स्वामीनाथन अवार्ड” का भ्रामक प्रचार किया और इसे प्रतिष्ठित अवार्ड बताकर सरकार और सूचना विभाग को गुमराह किया।
फर्जी अवार्ड घोटाला: सरकार क्यों है चुप?
- एचएयू के वाइस चांसलर ने स्वामीनाथन अवार्ड को एक अनाधिकृत संस्था “एग्रीमीट फाउंडेशन” से ₹5000 में खरीदा।
- वास्तविक स्वामीनाथन अवार्ड, जो कि “कृषि विज्ञान उन्नति ट्रस्ट, दिल्ली” द्वारा दिया जाता है, अब तक सिर्फ 13 लोगों को मिला है, जिसमें एचएयू वीसी का नाम नहीं है।
- मुख्यमंत्री और सूचना विभाग ने इस फर्जी अवार्ड को प्रमोट किया, जिससे शिक्षा जगत में गलत संदेश गया।
अर्जुन चौटाला ने कहा कि “जो व्यक्ति अपनी असली उपलब्धियों को नहीं दिखा सकता और झूठे सम्मान खरीदकर प्रचार करता है, वह किसी भी उच्च पद के लायक नहीं है। ऐसे वाइस चांसलर को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।”

एमबीबीएस पेपर लीक और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
इनेलो विधायक ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में एमबीबीएस के पेपर लीक होने के मामले को भी विधानसभा में जोरशोर से उठाया।
- जब मेडिकल कॉलेजों में पेपर लीक होंगे, तो अच्छे डॉक्टर कैसे बनेंगे?
- एक तरफ सरकार फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट और अच्छे डॉक्टरों की बात कर रही है, दूसरी ओर यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार चरम पर है।
- सरकार को उच्च शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
सरकार सभी यूनिवर्सिटी नियुक्तियों पर श्वेत पत्र जारी करे
अर्जुन चौटाला ने विधानसभा में मांग की कि:
- हरियाणा की सभी यूनिवर्सिटी की नियुक्तियों और घोटालों पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे
- हर साल यूनिवर्सिटी की प्रोग्रेस रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए।
- नियुक्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए एक स्वतंत्र जांच कमेटी बनाई जाए।
इनेलो ने हरियाणा में शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार, फर्जी अवार्ड घोटाला और मेडिकल कॉलेजों में पेपर लीक के मुद्दों को उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
- क्या सरकार इन मामलों में कार्रवाई करेगी, या जनता को सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा?
- जनमंच हरियाणा से जुड़े रहें