कर्मचारी जन असेंबली में सरकार पर बरसे सुरेंद्र यादव, बोले- कर्मचारी मांगों को दबा रही BJP सरकार

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हिसार, 17 मार्च। हरियाणा सरकार के विधानसभा सत्र के समानांतर रविवार को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने जिला मुख्यालय पर कर्मचारी जन असेंबली का आयोजन किया। उपायुक्त कार्यालय के सामने जिला प्रधान सुरेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई इस सभा में सरकार की नीतियों पर जमकर हल्ला बोला गया। मंच का संचालन सह-सचिव अशोक सैनी ने किया। सभा में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आए पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जुटी।


सभा की शुरुआत में पिछले साल मृत कर्मचारियों, दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों, युद्ध और सेना में शहीद हुए लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कर्मचारियों ने अपनी मांगों का प्रस्ताव उपायुक्त के जरिए मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को भेजा। नारेबाजी के बीच सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना हुई।
मांगें: वेतन आयोग से लेकर पुरानी पेंशन तक

कर्मचारियों ने हरियाणा के लिए अलग वेतन आयोग, 5000 रुपये की अंतरिम राहत, वेतन विसंगतियों को दूर करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, रेगुलराइजेशन नीति, पुरानी पेंशन बहाली, लाखों खाली पदों पर स्थायी भर्ती और सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों को निजी कंपनियों को बेचने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए।


मुख्य वक्ता राज्य सचिव सुशीला सिहाग ने सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “पिछले 10 साल में बीजेपी सरकार कर्मचारियों की मांगों को सुलझाने में नाकाम रही है। न तो ये वार्ता करना चाहते हैं, न विधानसभा में मुद्दे उठाने को तैयार हैं। कर्मचारियों को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।” सिहाग ने कहा कि लाखों पद खाली होने से मौजूदा कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ा है, जिससे मानसिक तनाव पैदा हो रहा है।
‘कच्चे कर्मचारियों के साथ धोखा’


सिहाग ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। “चुनाव से पहले कच्चे कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी का वादा किया गया, पत्र भी जारी हुआ, लेकिन अब उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। ये सरकार का दोगलापन है।” उन्होंने मांग की कि कच्चे कर्मचारियों को रेगुलराइजेशन नीति के तहत पक्का किया जाए। पुरानी पेंशन को सामाजिक जरूरत बताते हुए इसे बोझ न मानने की अपील की।


आयुष्मान-चिरायु कार्ड बने, इलाज नहीं मिलता

सिहाग ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सवाल उठाए। “सरकार ने आयुष्मान और चिरायु कार्ड तो बना दिए, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में कर्मचारियों को इलाज तक नहीं मिल रहा। ये सब दिखावा है।”
प्रदर्शन का ऐलान

संघ ने सरकार की ‘कर्मचारी विरोधी नीतियों’ के खिलाफ पहले हुए प्रदर्शनों का जिक्र किया। 1-2 और 8-9 फरवरी को पूरे प्रदेश में विधायकों को ज्ञापन सौंपे गए, जबकि 15-16 फरवरी को कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के बाहर दो दिन का महापड़ाव लगाया गया।

सभा में सचिव राजेश बागड़ी, पवन कुमार, नरेश गौतम, दलीप सोनी, मनोहर लाल जाखड़, अल्का सिवाच, गंगाराम मोण, विकास संदलाना, कामरेड दिनेश सिवाच, अनिल शर्मा, हितेष कुमार, अजय कुमार, सुरज प्रकाश भाटिया, जय सिंह, सूबे सिंह कादियान, सुरेंद्र उर्फ गोलू, प्रमोद कुमार, मास्टर विजय सिंह, ओमप्रकाश माल, रविंद्र शर्मा, रोहताश शर्मा, सुरेश मोंगिया, मोहम्मद ईशाक, सुरेंद्र हुड्डा, सोना देवी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।

लड़ाई जारी रहेगी


जिला प्रधान सुरेंद्र यादव ने कहा, “जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, कर्मचारी सड़कों पर उतरते रहेंगे। सरकार को जवाब देना होगा।” सभा के बाद मांगों का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया।

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