संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की बैठक संपन्न, 11 और 20 मार्च को होगा बड़ा प्रदर्शन

संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह कृषि मंडियों का धीरे-धीरे निजीकरण कर रही है और कॉर्पोरेट खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर योजना लागू कर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
नरवाना, 7 मार्च 2025: संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की राज्य स्तरीय बैठक आज नरवाना स्थित चौधरी घासी राम नैन किसान रेस्ट हाउस में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. सुखदेव जम्मू, विकास सीसर और जोगेंद्र नैन ने संयुक्त रूप से की। इस दौरान किसान नेताओं ने पंजाब सरकार द्वारा आंदोलनकारी किसानों पर किए जा रहे दमन और गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा की। मोर्चा ने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय आंदोलनकारियों को बदनाम करने में लगे हैं।
गेहूं पर बोनस, ओलावृष्टि का मुआवजा और MSP की गारंटी की मांग
बैठक में किसान संगठनों ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और सरकार के समक्ष अपनी प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें शामिल हैं:
- गेहूं की फसल पर ₹1000 प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए।
- हरियाणा की नहरों में पानी छोड़ा जाए, ताकि किसानों को सिंचाई में राहत मिले।
- ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का मुआवजा जल्द दिया जाए।
- सरसों की खरीद जल्द शुरू की जाए।
- एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सुनिश्चित की जाए।
- स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत रद्द किया जाए।
11 मार्च को सभी जिलों में प्रदर्शन, 20 मार्च को कुरुक्षेत्र में महाआंदोलन
किसान मोर्चा ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों से बातचीत नहीं कर रही,जबकि उनकी कई मांगे लंबित पड़ी हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह कृषि मंडियों का धीरे-धीरे निजीकरण कर रही है और कॉर्पोरेट खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर योजना लागू कर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
मोर्चा ने ऐलान किया कि 11 मार्च को हरियाणा के सभी जिलों में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
इसके बाद 20 मार्च को कुरुक्षेत्र में बड़ा आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें नई कृषि बाजार नीति को रद्द करने की मांग की जाएगी।
अगर सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानीं, तो जल्द ही अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
बैठक में शामिल प्रमुख किसान नेता
बैठक में बलबीर सिंह, रतन मान, कंवरजीत सिंह, धर्मपाल बडाला, रणबीर मलिक, तेजिंदर रतिया, आजाद पालवा, रामफल शर्मा, सुखविंदर रतिया, बुध सिंह, रवि आजाद, सतेंद्र लोहचब, सुमित दलाल, जियालाल, कुलदीप पुनिया, गुरभजन, आजाद सिंह मीरान, बारूराम, सिक्किम, नायब सिंह, कुलदीप ढांडा समेत कई प्रमुख किसान नेता उपस्थित रहे।